बलात्कार होने के 5 सबसे मुख्य कारण|why is rape in hindi
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Stop rapes |
(१) नैतिक शिक्षा की कमी
बलात्कार का सबसे बड़ा कारण है हमारी शिक्षा व्यवस्था । पुराने जमाने में बच्चों को बचपन से ही धर्म और नैतिकता की शिक्षा दी जाती थी । उन्हें रामायण और भगवत गीता जैसें धार्मिक ग्रंथों का पाठ पढ़ाया जाता था, उनको अच्छे संस्कार दिए जाते थे इसलिए उस जमाने में ऐसे अपराध होते ही नहीं थे। कहा जाता है कि बचपन का बाल मन कोरे कागज की तरह होता है, उस समय उनके मन में ना तो कोई विचार होता है ना ही कोई भावना होती है । धीरे-धीरे वह मासूम बच्चा जो सुनता है, जो पढ़ता है, जो देखता है। वही चीजें उसके मानसिक पटल पर अंकित हो जाती है। उदाहरण के लिए किसी बच्चे को बचपन से ही रामायण का पाठ पढ़ाया जाए तो वह बच्चा जब बड़ा होगा तो उसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के कुछ गुण तो आ ही जाते हैं। उसके अतिरिक्त उस पर माता पिता के संस्कार और परिवारिक माहौल का भी फर्क पड़ता है ।आजकल तो हमारे शिक्षा में नैतिक और धार्मिक शिक्षा के लिए कोई जगह ही नहीं है। हम तो अपने बच्चों को केवल इसलिए शिक्षा देते हैं ताकि वह बड़ा होकर डॉक्टर इंजीनियर आदि बने और ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा सके। इस तरह हम अपने बच्चों को पैसा कमाने की मशीन बना रहे हैं। फिर उसके अंदर मानवीय भावनाएं कैसे विकसित होगी। उसे कैसे ज्ञान होगा कि क्या पाप है और क्या पुण्य है, क्या सही है क्या गलत है। इस तरह इस तरह हमारी शिक्षा व्यवस्था भी बलात्कार के लिए जिम्मेदार है, इसीलिए हमारी स्कूली शिक्षा के विषयों में नैतिक शिक्षा का विषय भी शामिल होना चाहिए है ।
(२) मिडिया का दुष्प्रभाव
किसी ने मीडिया का अविष्कार इसलिए किया था ताकि लोगों तक चित्र, वीडियो, और आवाज के माध्यम से किताबों की तुलना में जल्दी और बेहतर ज्ञान पहुंच सके। ताकि मानव जीवन का तेजी से विकास हो सके और साथ में उनका मनोरंजन भी हो सके। परंतु यह बिकाऊ मीडिया ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में गंदी फिल्में, अश्लील गाने,और गंदी तस्वीरें दिखाकर हमारे बच्चों किशोरों और युवा वर्ग के लड़कों को बुराई की तरफ धकेल रही है । नारी भोग की वस्तु है, यह जो मानसिकता हमारे समाज के दिमाग में बैठी हुई है, मीडिया की देन है । मुन्नी बदनाम हुई, शीला की जवानी, और चिकनी चमेली को दिखा कर मिडिया इस समाज को सीख क्या देना चाहती है। प्राचीन काल में स्त्री को देवी को को संबोधित किया जाता था । मगर हम ऐसे समाज में जी रहे हैं जहां स्त्रीयों को माल कह कर संबोधित किया जाता है। हर जगह हर वक्त स्त्रीयों और लड़कियों को बुरी नजर से घुरा जाता है। ऐसे सभ्य समाज में बलात्कारी पैदा नहीं होगा तो क्या राम पैदा होगा । एक बात मैं लिख कर दे सकता हूं जब तक हम अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे, अपनी सोच नहीं बदलेंगे, तब तक सरकार चाहे कितना भी कठोर कानून बना दे बलात्कार की घटनाएं होती ही रहेगी।
(३) अनुचित खान-पान का असर
तीसरा कारण हमारा खान-पान आप विश्वास नहीं करेंगे । मांस मछली और शराब जैसी तामसी भोजन का हमारे मुड और मस्तिक पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।आपने कहीं पढ़ा भी होगा "जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन"और भगवद् गीता में तो साफ लिखा है कि मांस मछली मदिरा तामसी भोजन है इनका सेवन करने से शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा होती है। जिससे हमारे शरीर में हार्मोन असंतुलन होता हैं। जिससे हमारे शरीर में यौन उत्तेजना बढ़ती है। शराब के सेवन से हमारा अपने शरीर और विचारों पर नियंत्रण नहीं रहता है। जिससे हमें पता ही नहीं चलता कि हम जो कर रहे हैं वह सही है या गलत और जो कर रहे हैं उसका अंजाम क्या होगा। इसलिए अधिकतर बलात्कार शराब के नशे में ही होते हैं।
(४) कमजोर कानून व्यवस्था
रेप का चौथा कारण है, हमारी कमजोर कानून व्यवस्था और सुस्त न्याय प्रणाली। हमारे देश की कानून व्यवस्था की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम ही है। जब किसी लड़की का बलात्कार होता है तो हमारा देशभक्त राजनेता उसे संप्रदायिक रूप देने की कोशिश करते हैं ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। न्यूज़ चैनल अपना टीआरपी बढ़ाने में लग जाती है। पुलिस वाले जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी करके आरोपी को बचाने की कोशिश करते हैं। खैर जैसे-तैसे मामला अदालत में पहुंचता है, तब शुरू होता है तारीख। तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख देते देते जब सजा सुनाने का वक्त आता है तब तक गुनहगार बूढ़ा होकर मरने के कगार पर पहुंच चुका होता है, इसलिए गुनाहगार को ना तो कानून का डर होता है ना ही सजा का, इसलिए जब तक कानून व्यवस्था ठीक नहीं होगी तब तक गुनहेगार गुनाह करते रहेंगे।
(५) लड़कियों का रहन सहन
रेप का पांचवा कारण है लड़कियों की कमजोरी और बेवकूफी, जिसका फायदा दरिंदे उठाते हैं। कुछ हद तक लड़कियों की बेहूदा कपड़े और बेवकूफीकाना हरकतें भी जिम्मेदार है, जो दरिंदों को उकसाने का काम करते हैं। इसलिए लड़की को इस बात का ख्याल रखना चाहिए। घर बाहर निकलने के बाद खुद को सेफ रखना चाहिए, तुरंत किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए । लड़कियों को खुद में कॉन्फिडेंस क्रिऐट करना चाहिए क्योंकि वहशी दरिंदे ज्यादातर डरपोक लड़कियों को ही अपना शिकार बनाते हैं। लड़कियों को चाहिए कि कहीं भी रहे अपने आसपास नजर रखे, हमेशा सावधान रहें, अगर कुछ भी गलत लगे तो डरने की वजह लड़ने का हिम्मत दिखाएं। मेरा सुझाव है की लड़कियां ब्यूटी पार्लर ज्वाइन करने के बजाए जिम ज्वाइन करें और खुद को शक्तिशाली और सक्षम बनाएं । ताकि जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा खुद कर सके ।
आपको इसे भी पढ़ना चाहिए : पाप और पुण्य क्या है
तो दोस्तों अगर आप चाहते हैं कि हमारा समाज बलात्कार मुक्त हो तो सबसे पहले अपने बच्चों को बचपन से ही आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा दें, उन्हें मीडिया के बुरे प्रभाव से बचाएं, और अपनी सोच बदले, अपनी मानसिकता बदले। तभी हम एक बलात्कार मुक्त समाज का निर्माण कर पाएंगे। धन्यवाद
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